कछुए का मांस बेचने वाले तीन आरोपी गिरफ्तार, रायसेन जिले के सुल्तानपुर से लाए थे
डीएफओ के निर्देशन में चलाया जा रहा है ऑपरेशन “शुद्धि”
बैतूल।जिले के उत्तर वन मंडल क्षेत्र में आने वाले ग्राम शिवसागर में विलुप्त प्रजाति के कछुए का मांस बेचने वाले तीन आरोपियों को वन विभाग की टीम ने गिरफ्तार किया है। दोनों से पूछताछ में खुलासा हुआ कि उनके द्वारा 18 मार्च को भी कछुए का मांस बेचा गया था। दोनों ने रायसेन जिले के सुल्तानपुर से कछुए को लाए जाने की जानकारी दी जिस पर वन विभाग की टीम ने सुल्तानपुर पहुंचकर कछुए को बेचने वाले को भी गिरफ्तार किया है। आरोपियों की निशानदेही पर मृत कछुए का शेल भी जहां छिपाया गया था वहां से जब्त कर लिया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार वनमंडलाधिकारी उत्तर बैतूल राकेश कुमार डामोर को मुखबिर से सूचना प्राप्त हुई कि ग्राम शिवसागर तहसील घोडाडोंगरी निवासी संजित राय द्वारा कछुए का मांस बेचा जा रहा है । सूचना के आधार पर वनमंडलाधिकारी द्वारा उपवनमंडलाधिकारी सारनी के मार्गदर्शन में दल का गठन किया गया एवं प्रकरण की जांच करने हेतु भेजा गया । गठित टीम के दल प्रभारी परिक्षेत्र अधिकारी सारनी अमित साहू एवं स्टाफ द्वारा ग्राम शिवसागर में संजित राय एवं विष्णुपुर निवासी विजय घोष के घर जाकर उन्हें पूछताछ हेतु वन विश्राम गृह घोडाडोंगरी लाया।। दोनों व्यक्तियों द्वारा अपना अपराध स्वीकार किया एवं बताया कि वह पिछले माह 18 मार्च 2022 को भी एक कछुए को लाकर उसका मांस बेच चुके है । मृत कछुए का शेल (जहां छुपाया था , उसको भी जप्त कर लिया गया है । पूछताछ में दोनों अपराधियो द्वारा बताया गया ,कि वह उस कछुएँ को सुल्तानपुर जिला रायसेन निवासी गणेश मांझी के खेत से लेकर आये थे । गणेश मांझी के मोबाईल की लोकशन के आधार पर गठित दल सुल्तानपुर जिला रायसेन गया एवं वहां से गणेश मांझी को पूछताछ हेतु परिक्षेत्र कार्यालय सारनी लाये । पूछताछ में गणेश मांझी के द्वारा भी अपना अपराध स्वीकार कर लिया गया है । तीनों के विरूद्ध वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 02 की उपधारा ( 1 ) ( 5 ) ( 16 ) ( 20 ) ( 37 ) धारा 09 , 40 , 48 , 51 के तहत् वन अपराध प्रकरण क्रमांक 744/32 कायम किया गया है । मृत कछुए का शेल जिसे स्थानीय भाषा में पातल भी कहते है । उक्त कछुआ संरक्षण अधिनियम के अन्तर्गत शेडयूल 1प्रजाति में आता है जिसको पकड़ने एवं मारने का अपराध गैर जमानती अपराध की श्रेणी में आता है , जिसमें सात वर्ष तक की सजा का प्रावधान है । आरोपियों के मोबाईल से ली गई जानकारी के आधार पर आरोपियों द्वारा मांस किन – किन लोगों को बेचा गया उसकी जानकारी निकाली जा रही है । उक्त कार्यवाही में सम्मिलित दल के सदस्य नितेश शर्मा ( प्रशिक्षु ) वनक्षेत्रपाल परिक्षेत्र सहायक सारनी , हवसुलाल उड़के , वनपाल , प्रेमावती व वनरक्षक , ललिता धुर्वे वनरक्षक , देवेन्द्र प्रकाश मालवीय , वनरक्षक , रवि पवांर , वनरक्षक , किशोरी वरकडे वनरक्षक शामिल रहे।