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फिनलैंड के राष्ट्रपति सौली निनिस्टो और प्रधानमंत्री सना मारिन ने रविवार को राजधानी हेल्सिंकी में स्थित राष्ट्रपति भवन में एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई

Waman Pote

सैन्य संगठन नाटो (NATO) का सदस्य बनने के लिए आवेदन करेगा फिनलैंड और स्वीडन की सरकार  फैसला किया

फिनलैंड : यूक्रेन पर जारी रूस के हमले और फिनलैंड को दी गई धमकी के बावजूद फिनलैंड की सरकार ने रविवार को ऐलान किया कि उनका देश पश्चिमी देशों के सैन्य संगठन नाटो (NATO) का सदस्य बनने के लिए आवेदन करेगा। फिनलैंड के इस फैसले से 30 सदस्यों वाले नॉर्थ अटलांटिक ट्रिटी ऑर्गेनाइजेशन (NATO) के विस्तार का रास्ता साफ हो गया है। रविवार को ही स्वीडन ने भी नाटो में शामिल होने का फैसला करते हुए फिनलैंड के साथ ही आवेदन करने का फैसला किया है। स्वीडन के प्रधानमंत्री ने कहा कि एक संयुक्त आवेदन ये दोनों देशों की सुरक्षा के लिए सबसे बेहतर कदम है।

फिनलैंड के राष्ट्रपति सौली निनिस्टो और प्रधानमंत्री सना मारिन ने रविवार को राजधानी हेल्सिंकी में स्थित राष्ट्रपति भवन में एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई थी, जिसमें इसका ऐलान किया है। इस ऐलान के बाद फिनलैंड की

प्रधानमंत्री अब अगले कुछ दिनों में संसद में इस बारे में प्रस्ताव रखेगी। उम्मीद जताई जा रही है कि संसद आने वाले दिनों में इस फैसले का समर्थन करेगी। स्वीडन की सरकार ने भी ऐसा ही फैसला किया है। स्थानीय मीडिया के सर्वे के मुताबिक अधिकतर जनता नाटो में शामिल होने के पक्ष में है। वहीं ज्यादातर यूरोपीय देश इन दोनों देशों को नॉटो में शामिल करने के पक्षधर हैं। ऐसे में इन दोनों के नॉटो में शामिल होने की केवल औपचारिकताएं बाकी रह गई हैं। माना जा रहा है कि अगले हफ्ते दोनों देश ब्रुसेल्स स्थित नॉटो के मुख्यालय में आवेदन जमा कर देंगे।

रुस की बढ़ी चिंता

स्वीडन और फिनलैंड के इस ऐलान से रूस को बड़ा झटका लगा है। फिनलैंड, रूस का पड़ोसी देश है और दोनों के बीच करीब 1,300 मीटर की लंबी सीमा लगती है। रूस हमेशा से अपने पड़ोसी देशों के NATO में शामिल होने का विरोध करता रहा है। यूक्रेन पर हमले की मुख्य वजह भी यही बताई जाती है। रूस को उम्मीद थी कि यूक्रेन पर हमले के बाद उसके बाकी पड़ोसी देश डर जाएंगे और NATO से दूर रहेंगे। लेकिन यूक्रेन हमले का उल्टा ही असर हुआ है। स्वीडन और फिनलैंड की गिनती अभी तक तटस्थ देशों में होती थी, लेकिन यूक्रेन पर हमले के बाद फिनलैंड और स्वीडन ने तटस्थता की नीति छोड़कर नाटो में शामिल होने का फैसला कर लिया है।

क्या करेगा रूस?

फिनलैंड के इस कदम ने रूस के लिए बड़ी परेशानी खड़ी कर दी है। फिनलैंड के नाटो में शामिल होने के बाद पश्चिमी देशों को रूस की सीमा पर अपनी सेना तैनात करने का अधिकार मिल जाएगा, और अमेरिका बिल्कुल उसके पड़ोस तक हथियार तैनात कर सकेगा। रूसी राष्‍ट्रपति कार्यालय ने फिनलैंड के फैसले को खतरा बताया है और ऐलान किया है कि वह जवाबी कदम उठाएगा। रूस ने फ‍िनलैंड की बिजली और गैस सप्‍लाई भी रोकने का ऐलान किया है। रूस ने कहा कि वह आने वाले दिनों में सैन्य और तकनीकी सहित अन्य कदमों को भी उठाने पर मजबूर हो सकता है।

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