बिघवा में भेड़िए की दहशत : 6 बकरियां मार कर खून पी गया, वन विभाग ने कुत्तों का हमला बताया
By,वामन पोटे
बैतूल के बिघवा में भेड़िए की दहशत: 6 बकरियां मार कर खून पी गया, वन विभाग ने कुत्तों का हमला बताया
बैतूल।।उत्तरप्रदेश में भेड़िए के हमलों के बीच बैतूल के चिचोली ब्लॉक के गांव बिघवा में बकरियों पर हमला कर 6 जानवरों को मार दिए जाने की घटना से दहशत है। ग्रामीण इसे भेड़िए का हमला मान रहे हैं, लेकिन विभाग अब तक तय नहीं कर सका है कि यह हमला वन्य प्राणी का है या कुत्तों का। इस बीच ग्रामीण को हुए नुकसान पर मुआवजे का पेंच फंस गया है।
शनिवार की रात पश्चिम वन मंडल के चिचोली रेंज के राजस्व गांव बीघवा मे ग्रामीण के घर पर कोठे में बंधी बकरियो पर अज्ञात जानवर ने हमला किया। मांसाहारी प्राणी के हमले में 6 बकरियों की मौत होने की पुष्टि डिप्टी रेंजर द्वारा की गई है।
डिप्टी रेंजर रमेश रावत ने बताया कि मामला बीती रात का है। बिगवा गांव निवासी विनोद मर्सकोले के सुने आवास मे शनिवार रात अज्ञात प्राणी द्वारा कोठे मे बंधी बकरियों के गर्दन पर हमला किया गया! इस घटना में 6 बकरियों की मौत हो गई। घटना के समय ग्रामीण के मकान में कोई भी मौजूद नहीं था।
सुबह ग्रामीण ने मृत बकरियों की स्थिति देखने के बाद वन विभाग को सूचना दी! इसके बाद आषाढी बीट गार्ड ने मौके पर पहुंचकर पंचनामा बनाया है। मृत बकरियों की गर्दन पर वन्य प्राणियों पंजों के भी निशान दिखाई दे रहे हैं लेकिन स्पष्ट नहीं हो पाया है कि, हमला किस वन्य प्राणी द्वारा किया गया है! घटना की जानकारी के बाद गांव मे पशु पालकों में भय बना हुआ है।
रेंजर बोले- पागल कुत्ता हो सकता है
इस घटना के बाद इलाके के पशु पालकों में दहशत है। समाजसेवी कैलाश शुक्ला के मुताबिक मौके पर जिस तरह के खरोंच के निशान और बड़े पग चिन्ह देखे गए है। उससे यह भेड़ियों का हमला लग रहा है। लेकिन वन विभाग इसे नही मान रहा है। इस वन अनुविभाग में एसडीओ गौरव मिश्रा के मुताबिक उन्हें घटना की खबर स्टाफ ने अब तक नही की है। जबकि रेंजर शैलेंद्र चौरसिया अब तक घटनास्थल पर नहीं गए है।
श्री चौरसिया ने बताया की यह हमला पागल कुत्ते का हो सकता है।यहां फुट प्रिंट भी कुत्ते जैसे मिले है। वे बताते है की इस क्षेत्र में कभी भेड़िए नहीं देखे गए हैं और न ही तेंदुए का मूवमेंट है। जंगली जानवर होता तो वह मारे गए मवेशियों को उठा ले जाता लेकिन यहां ऐसा नही हुआ है। मारे गए मवेशियों के गर्दन में दांत और खरोंच पाई गई है।
इसलिए अभी यह तय नहीं हो सका है की हमलावर कोई जंगली जानवर है या कुत्ते, इसलिए ग्रामीण को मुआवजा नहीं दिया गया है। वन्य प्राणी के हमले पर ही मुआवजा दिया जाता है। विभाग पशु चिकित्सा विभाग की पीएम रिपोर्ट का इंतजार कर रहा है।
विशेषज्ञ बोले- झुंड में किया हमला
पशु चिकित्सक डॉक्टर केसी तंवर के मुताबिक यह हमला भेड़ियों या कुत्तों के झुंड का हो सकता है। मौके पर एक से ज्यादा फुट प्रिंट मिले है। हम कार्नीवोरस एनिमल होने की रिपोर्ट दे रहे हैं। वन विभाग इसे जैसे भी परिभाषित करें। उन्होंने बताया की मारे गए मवेशियों का सिर्फ खून पिया गया है। कुछ घायल भी किए गए। उनके गर्दन, पैरो के।पास काटा भी गया है।लेकिन खाया किसी को नही है।
बता दें कि कोर्नीवोरस वो प्राणी होते है जो केबल मांस खाते हैं। मतलब ये प्राणी सही मायने मे मांसाहारी होते है। अन्य जीवों को मारकर या फिर मरे हुए प्राणियों के मांस खाते हैं। जैसे की इनको दूसरे प्राणी की शिकार करना पड़ता है, इसीलिए इनको ज्यादा से ज्यादा ताकत चाहिए होता है।
भेड़िया देखा गया
ग्रामीण इस मामले में सतपुड़ा टाइगर रिजर्व की टीम बुलवाकर जांच की मांग कर रहे है। कैलाश शुक्ला का कहना है की आमतौर पर जब कोई बड़ी घटना हो जाती है तभी प्रशासन जागता है। इस मामले में ऐसी ही लापरवाही की जा रही है। उन्होंने बताया की ग्रामीण चरवाहे तुलसी ने जंगल में बकरिया चराते समय अपनी बकरियों के बीच से भेड़िया भागते देखा था। वह भूरे रंग का था जिसकी पूंछ सीधी थी जबकि मुंह लंबा था।