वीर शहीद गुरूदयाल साहू का हुआ अंतिम संस्कार: पत्नी रोते-रोते बेहोश हुई, 50 हजार लोगों ने नम आंखों से विदाई दी
Martyr's last rites at Tapti Ghat: Wife fainted crying, 50 thousand people paid tribute with moist eyes
- वामन पोटे/अंकित सूर्यवंशी
बैतूल| लद्दाख बस हादसे में शहीद हुए बैतूल जिले के बिसनूर गांव के गुरूदयाल साहू को आज हजारों लोगों ने नम आंखों से विदाई दी। गृहग्राम बिसनूर आते ही शहीद जवान की पत्नी, बेटी और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। पूरे सम्मान के साथ पारसडोह ताप्ती घाट पर शहीद गुरूदयाल साहू का अंतिम संस्कार किया गया। उनके भाई धनराज साहू ने उन्हें मुखाग्नि दी। इस दौरान उपस्थित हजारों लोगों ने भारत माता की जय और शहीद गुरूदयाल अमर रहे के नारे भी लगाए।
रोते-रोत बेहोश हो गई पत्नी
जिस समय शहीद गुरूदयाल साहू की पार्थिव उनके घर पहुंची। यहां पर उनकी पत्नी रोते-रोते बेहोश हो गई। लोगों ने उन्हें होश में लाने के प्रयास किए। इस दौरान उनकी 10 वर्षीय बेटी सहित परिजनों का भी रो-रोकर बुरा हाल हो गया।
पूरे जिले से हजारों लोग पहुंचे
शहीद जवान की पार्थिव आने का जानकारी मिलते ही पूरे जिलेभर से हजारों लोग अपनी सुविधा अनुसार गांव पहुंच गए और रास्तेभर शहीद गुरूदयाल अमर रहे और भारत माता के नारे लगाते रहे। बिसनूर से आठनेर होते हुए पारसडोह ताप्ती घाट पर अंतिम संस्कार के लिए पार्थिव शरीर ले जाया गया। बिसनूर से आठनेर तक हर गांव में लोगों ने अपार भीड़ के साथ शहीद जवान को फूल मालाओं से गुरदयाल साहू को अंतिम विदाई सड़क के किनारे कतार बंद होकर दी। पारसडोह ताप्ती घाट पर अंतिम संस्कार के दौरान उन्हें 50 हजार से अधिक लोगों ने नम आंखों से वीर शहीद गुरुदयाल को विदाई दी। ग्रामीणों का कहना है कि गुरुदयाल की शहादत को हर कोई हमेशा याद रखेगा।