बैतूल जिले में 7 नगरीय निकायों के 126 वार्डो में 62 भाजपा, 41 कांग्रेस – निर्दलीय 13 जीते सात सीट जीतने का दम भरने वाली भाजपा से नगर पालिका परिषद की 3 सीट फिसली
By वामन पोटे बैतूल वार्ता
बैतूल जिले में 7 नगरीय निकायों के 126 वार्डो में 62 भाजपा, 41 कांग्रेस – निर्दलीय 13 जीते
सात सीट जीतने का दम भरने वाली भाजपा से नगर पालिका परिषद की 3 सीट फिसली
बैतूल, नगरीय निकायो की चुनाव के पूर्व जिला भाजपा कार्यालय में पत्रकारो से चर्चा करते हुए भाजपा के रणनीतिकार एवं पूर्व सासंद हेमंत विजय खण्डेलवाल से दावा किया था कि भाजपा अपने त्रिस्तरीय कार्यक्रमो के चलते बुथ स्तर पर बुथ कार्यकर्त्ता की मदद से 7 नगरीय निकाय को जीतेगी लेकिन दो चरणो के परिणामों ने भाजपा की सूरत और शक्ल बिगाड कर रख दी। जहां एक ओर भाजपा ने जिले की सात नगरीय निकायों मुलताई, आमला, भैसदेही, बैतूल बाजार, बैतूल, शाहपुर एवं घोडाडोंगरी के 126 वार्डो में अपने प्रत्याशी उतारे थे। पार्टी को उनमें से मात्र 62 वार्डो में जीत का मौका मिला। पार्टी को लगभग 54 सीटो पर हार का सामना करना पडा। वही दुसरी ओर 126 सीटो में कांग्रेस 50 का भी आकडा छू नहीं पाई। कांग्रेस के चार विधायको में घोडाडोंगरी को छोड कर तीनो विधायको को अपने विधानसभा क्षेत्रो में हार का सामना करना पडा। भाजपा के एक मात्र विधायक आमला में चारो खाने चित हो गए। विधायक अपने ही स्वजाति प्रत्याशियो को जीता नहीं पाए है। भाजपा के हाथ मुलताई, भैसदेही, बैतूल, बैतूल बाजार, में जीत हाथ लगी। आमला, घोडाडोंगरी, शाहपुर उसकी पकड से दूर हो गई। सासंद से लेकर विधायक एवं भाजपा का पूरा संगठन मिल कर चुनाव लडने के बाद भी वह कोई बडा कमाल नहीं कर पाई। कांग्रेस की आपसी लडाई में कांग्रेस का बैतूल जिले में बेडागर्क हो गया। अब देखना यह बाकी है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में इन पांचो विधानसभा चुनाव पर त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव और नगरीय निकाय चुनाव का क्या असर पडेगा।