सेल्फ स्टडी के दम पर गांव की लड़की ने दो बार किया यूपीएससी क्वालिफ़ाई; पढ़ें IAS ममता यादव की कहानी
By बैतूल वार्ता
सेल्फ स्टडी के दम पर गांव की लड़की ने दो बार किया यूपीएससी क्वालिफ़ाई; पढ़ें IAS ममता यादव की कहानी
UPSC Success Stories: 24 वर्षीय ममता ने लगातार दूसरी बार यूपीएससी की परीक्षा पास की और आईएएस बनने के अपने सपने को पूरा किया।
नई दिल्ली
July 24, 2022
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के सिविल सेवा परीक्षा 2020 (CSE Exam 2020) की परीक्षा के घोषित हुए परिणाम में हरियाणा की रहने वाली ममता यादव ने सफलता हासिल की थी। 24 साल की ममता यादव अपने पूरे गांव में आईएएस अधिकारी बनने वाली पहली महिला बनीं थीं।
लगातार दूसरी बार UPSC की परीक्षा पास की
टॉपर का खिताब पाने के लिए ऊंची उड़ान भरने का सपना देखने वाली ममता यादव 4 साल से सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रही थीं। साल 2019 में ममता यादव ने देशभर में 556वीं रैंक हासिल की थी; लेकिन उनका सपना आईएएस बनने का था। माता-पिता ने हौसला बढ़ाया और ममता एक बार फिर कोशिश करने लगीं।
साल 2019 में चयनित होने के बाद, उन्होंने भारतीय रेलवे कार्मिक सेवा के लिए ट्रेनिंग शुरू किया, लेकिन इससे ममता संतुष्ट नहीं थीं। इसलिए ममता ने फिर कोशिश की और इस बार वह ऑल इंडिया में 5वीं रैंक हासिल करके आईएएस अधिकारी बनने में सफल रहीं।
इस तरह से किया यूपीएससी परीक्षा की तैयारी
12वीं के बाद ममता यादव ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया और कॉलेज खत्म होते ही यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी। ममता ने कोचिंग के साथ सेल्फ स्टडी की और उनकी रणनीति काम कर गई। ममता ने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के लिए एनसीईआरटी और अन्य मानक पुस्तकों की मदद ली।
मीडिया को दिए इंटरव्यू में ममता कहती हैं कि पहले मैं दिन में 8 से 10 घंटे पढ़ाई करती थी, लेकिन कहीं कुछ न कुछ कमी थी। इसलिए इस बार अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए मैंने प्रतिदिन 10 से 12 घंटे स्वाध्याय किया और अंत में अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लिया।
बता दें कि जब परीक्षा के नतीजे आए तो ममता यादव और उनके परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। ममता यादव ने इस कठिन परीक्षा में देश भर में 5वीं रैंक हासिल कर न केवल परिवार बल्कि क्षेत्र का भी नाम रौशन किया। ममता यादव इससे पहले एसएससी की परीक्षा भी पास कर चुकी हैं।
मां गृहिणी, पिता करते हैं प्राइवेट नौकरी
बसई गांव निवासी ममता यादव के पिता अशोक यादव एक निजी कंपनी में काम करते हैं, जबकि उनकी मां सरोज यादव गृहिणी हैं। ममता की पूरी पढ़ाई दिल्ली में ही हुई है। ममता यादव ने 12वीं तक बलवंत राय मेहता स्कूल, जीके (ग्रेटर कैलाश) दिल्ली से पढ़ाई की, फिर डीयू (दिल्ली विश्वविद्यालय) के हिंदू कॉलेज से स्नातक किया।
माता-पिता को विश्वास नहीं हुआ
मीडिया से बातचीत में ममता यादव की मां सरोज ने कहा कि उन्हें उम्मीद नहीं थी कि उनकी बेटी इतनी आगे जाएगी। बेटी की सफलता का श्रेय उनके पिता ने ममता की मां को दिया। पिता ने बताया कि ममता ने गर्व से सिर ऊंचा कर दिया है। खास बात यह है कि वह अपने गांव की पहली लड़की है, जिसने पढ़ाई की और यूपीएससी में सफलता हासिल की।