सहकारिता मंत्री ने बैतूल में प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों को लेकर कही ये बड़ी बात…
बैतूल में हुई सहकारिता विभाग की समीक्षा बैठक
- प्रदेश की सभी प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों को कम्प्यूटराइज्ड किया जाएगा – सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया
बैतूल। प्रदेश के सहकारिता एवं लोक सेवा प्रबंधन मंत्री अरविंद भदौरिया ने कहा कि आर्थिक गड़बडिय़ां रोकने के लिए प्रदेश की सभी प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों को कम्प्यूटराइज्ड किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सहकारी समितियों में आर्थिक गड़बडिय़ों के मामलों में सख्त कार्रवाई होना चाहिए। श्री भदौरिया ने ज्यादा से ज्यादा किसानों को केसीसी योजना का लाभ देने के सहकारिता अधिकारियों को निर्देश दिए। रविवार को जिला मुख्यालय पर आयोजित सहकारिता विभाग की समीक्षा बैठक में उन्होंने कहा कि सहकारी बैंक की ऋण वसूली पर भी विशेष ध्यान दिया जाए। वसूली बेहतर होगी तो किसानों को ज्यादा लाभ मिल सकेगा। बैठक में सांसद डीडी उइके, पूर्व मंत्री एवं विधायक सिलवानी रामपाल सिंह, विधायक आमला डॉ. योगेश पंडाग्रे, कलेक्टर अमनबीर सिंह बैंस, संयुक्त रजिस्ट्रार सहकारिता अभय खरे सहित सहकारिता विभाग के अधिकारी मौजूद थे।
बैठक में श्री भदौरिया ने खरीफ सीजन के लिए खाद के अग्रिम भंडारण की जानकारी लेते हुए कहा कि किसानों को खाद वितरण में कोई असुविधा न हो, इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए। उन्होंने कहा कि ज्यादा से ज्यादा किसानों को केसीसी योजना का लाभ दिया जाए। पशुपालकों एवं मछली पालकों को भी केसीसी योजना का लाभ मिले, इस बात का ध्यान रखा जाए। बैठक में फसल बीमा का लाभ एक ही बैंक से मिले, यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।
बैठक में कलेक्टर अमनबीर सिंह बैंस ने सुझाव दिया कि जिले में जिन सहकारी समितियों से ग्रामों की दूरी 20 किमी से अधिक है एवं किसानों को इन समितियों तक आने में असुविधा होती है, वहां पुनर्सीमन कर किसानों की सुविधा अनुसार समितियों का कार्य क्षेत्र बनाया जाए। उन्होंने बताया कि गेहूं उपार्जन में बिचौलिए लाभ न ले सकें, इसके लिए जिले में दतिया मॉडल लागू किया गया है। यदि किसान कृषि उपज मंडी में गेहूं बेचता है तो मंडी में बेचे हुए गेहूं का रकबा कम करके ही उसकी खरीदी की जा रही है। बैठक में सांसद श्री उइके एवं विधायक डॉ. पंडाग्रे द्वारा सहकारिता क्षेत्र में बेहतर कार्य से संबंधित आवश्यक सुझाव भी दिए गए।
इस दौरान जिले में सहकारिता के क्षेत्र में प्राप्त उपलब्धियों की जानकारी देते हुए जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित के महाप्रबंधक ने बताया कि विगत दो वर्षों में बैंक की अमानतों में 164 करोड़ की वृद्धि हुई है। आत्मनिर्भर भारत योजनांतर्गत सहकारी बैंक से संबद्ध 91 प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों में सामान्य सुविधा केन्द्र के अंतर्गत एमपी ऑनलाइन कियोस्क सेंटरों का पंजीयन कर संस्थाओं में सामान्य सुविधा केन्द्र प्रारंभ किए गए है। वर्ष 2021-22 में बैंक द्वारा खरीफ कृषि ऋणों में 51 करोड़ एवं रबी में 13 करोड़ की वृद्धि की गई है। पशुपालन केसीसी में 764 प्रकरण एवं मत्स्य पालन केसीसी के 320 प्रकरण स्वीकृत कर कृषकों को लाभान्वित किया गया है। उन्होंने बताया कि गत वर्ष प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजनांतर्गत पात्र 35447 कृषकों में से 32583 कृषकों को पूर्व से ही केसीसी कार्ड वितरण कर ऋण प्रदाय किया गया है तथा शेष 1662 कृषकों में से 1477 कृषकों को केसीसी कार्ड वितरण कर राशि 785.26 लाख की साख सीमा स्वीकृत कर ऋण वितरण किया गया है। जिले की सभी शाखाओं में कोर बैंकिंग का कार्य पूर्ण हो गया है तथा बैंक की शाखाओं के माध्यम से आरटीजीएस/एनईएफटी, एसएमएस अलर्ट, डीबीटीएल एवं एटीएम तथा वर्तमान में बीबीपीएस की भी सुविधा ग्राहकों को उपलब्ध कराई जा रही है। भविष्य में शीघ्र ही किसानों को नेटबैंकिंग की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी।
जिले में संचालित एकीकृत सहकारी विकास परियोजना के माध्यम से प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं द्वारा 100 मैट्रिक टन क्षमता वाले 60 गोदाम,150 मैट्रिक टन क्षमता वाले 6 गोदाम एवं 10 मैट्रिक टन क्षमता वाले कंज्यूमर शॉप के 76 गोदाम बनाए गए हैं। मल्टी सर्विस सेंटर हेतु एक हजार मैट्रिक टन क्षमता के चार गोदाम एवं 500 मैट्रिक टन क्षमता के 10 गोदाम बनाए गए हैं।