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बैतूल में मंडी टैक्स की चोरी:महाराष्ट्र भेजा जा रहा अनाज

By बैतूल वार्ता 9425002492

बैतूल में मंडी टैक्स की चोरी:महाराष्ट्र भेजा जा रहा अनाज, मध्यप्रदेश-महाराष्ट्र बॉर्डर पर नहीं हो रही जांच

बैतूल।।बैतूल जिले में कृषि उपज मंडी और कृषि विभाग की मिली भगत से सरकार को राजस्व की बड़ी चपत लग रही है ।चिचोली मुलताई आठनेर और भैसदेही से अनाज व्यापारी किसानों के नाम पर बड़े पैमाने पर महाराष्ट्र अनाज की सप्लाई बिना मंडी टैक्स चुकाए ही कर रहे है।मंडी बोर्ड के अधिकारी भी भोपाल से आकर बैतूल मंडी के कर्ताधर्ता के साथ उगाही करने में लगे है।अभी हाल ही में कुछ व्यापारियों के गोदामो में ताकझाक के बाद कोई कार्यवाही नही होना कई तरह की आशंकाओं को जन्म दे रहा है ।
भैंसदेही तहसील मुख्यालय से लगे हुए एमपी महाराष्ट्र बॉर्डर पर रोजाना सैकड़ों की संख्या में अनाज से भरे ट्रैक्टर गुजर रहे हैं। इन ट्रैक्टरों की जांच न होने के कारण कृषि मंडी को मिलने वाले टैक्स का भारी नुकसान हो रहा है। रोजाना सैंकड़ों ट्रैक्टर बगैर मंडी टैक्स चुकाएं एमपी की बॉर्डर से महाराष्ट्र पहुंच रहे है। लेकिन न तो कृषि मंडी के अधिकारियों का कोई ध्यान है और न ही हनुमान ढाना चेक पोस्ट पर बैठे आरटीओ अधिकारियों की कोई नजर है।

आज इसी बात को लेकर भैंसदेही ट्रांसपोर्ट यूनियन ने अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के नाम तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन में बताया गया है कि भैंसदेही के रास्ते महाराष्ट्र रोजाना सैकड़ों ट्रक ट्रैक्टर महाराष्ट्र अनाज लेकर जा रहे हैं। इन अवैध चल रहे ट्रैक्टरों की कागजों की जांच न होना सरकारी तंत्र पर गंभीर सवाल खड़े करता है।

ट्रक ट्रांसपोर्ट यूनियन के मालिकों ने बताया कि हम शासन को लाखों रुपए का टैक्स हर साल देते हैं। विभिन्न माध्यमों से शासन हमसे टैक्स वसूलता हैं लेकिन आज अवैध तरीके से जो ट्रैक्टर चल रहे है, जिनसे हमारे व्यापार में हमें भारी नुकसान हो रहा है। इन अवैध चल रहे ट्रैक्टरों की प्रशासन द्वारा सूक्ष्मता से जांच कर कार्रवाई करना चाहिए।

चेकपोस्ट बंद, जांच रुकी

भैंसदेही परतवाड़ा मार्ग पर जब से ढाबा का कृषि मंडी चेकपोस्ट बंद हुआ है, तब से कृषि मंडी के अधिकारियों ने इस स्टेट हाइवे पर अनाज एवं अन्य वस्तुओं के होने वाली चेकिंग, लोडिंग पर किसी प्रकार का कोई ध्यान देना छोड़ दिया है। हालत यह है कि रोजाना सैकड़ों की संख्या में ट्रैक्टर और ट्रकों के माध्यम से कृषि उपज बगैर जांच किए ही महाराष्ट्र पहुंच जा रही हैं। जिससे शासन को लाखों रुपए का टैक्स का नुकसान हो रहा है। अधिकतर ट्रैक्टरों के पास खेती से संबंधित रजिस्ट्रेशन है जबकि अनाज या अन्य वस्तु के ट्रांसपोटिंग के लिए कर्मशियल लाइसेंस जरूरी होता है।

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