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बीजेपी सांसद के साथ फर्जीवाड़े की एक महीने बाद भी पुलिस नहीं लिख रही एफआईआर

By बैतूल वार्ता 9425002492

बीजेपी सांसद के साथ फर्जीवाड़े की एक महीने बाद भी पुलिस नहीं लिख रही एफआईआर

न्यूज डेस्क बैतूल।।

मध्य प्रदेश नगरीय निकाय चुनाव के दौरान बैतूल-हरदा सांसद दुर्गादास उइके के फर्जी लेटर हेड पर दो कर्मचारियों का ट्रांसफर हो गया। इसकी जानकारी लगने पर खुद सांसद ने फर्जी लेटर के मामले में बैतूल पुलिस को एफआईआर दर्ज करने पत्र लिखा। लेकिन एक महीने बाद भी सांसद एफआईआर दर्ज नहीं करा पा रहे है।
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मध्य प्रदेश नगरीय निकाय चुनाव के दौरान बैतूल-हरदा सांसद दुर्गादास उइके के फर्जी लेटर हेड पर दो कर्मचारियों का ट्रांसफर हो गया। इसकी जानकारी लगने पर खुद सांसद ने फर्जी लेटर के मामले में बैतूल पुलिस को एफआईआर दर्ज करने पत्र लिखा। लेकिन एक महीने बाद भी सांसद एफआईआर दर्ज नहीं करा पा रहे है।
निकाय चुनाव में राज्य निवार्चन आयोग को सांसद दुर्गादास उइके का फर्जी पत्र भेजा गया। इसमें नगर परिषद मुतलाई में सहायक राजस्व निरीक्षक के पद पर पदस्थ संतोष शिवहरे और दुर्गासिंह चंदेल दोनों का ट्रांसफर करने को लिखा गया। इसका कारण दोनों के दूसरी राजनीति विचारधारा का बताया गया। इस पर दोनों का ट्रांसफर हो गया। लेकिन जब सांसद को पता चला तो उन्होंने कोई पत्र नहीं लिखने की बात कही। साथ ही पुलिस को फर्जी लेटर हेड पर एफआईआर दर्ज करने की बात कही। इसके बाद से अब तक एक महीने बाद भी पुलिस मामले में एफआईआर दर्ज नहीं कर रही है।

बैतूल एसपी सिमाला प्रसाद का कहना है कि राज्य निर्वाचन आयोग से मूल दस्तावेज अभी तक नहीं मिले है। इसलिए एफआईआर दर्ज नहीं की गई।

नगर पालिका मुलताई के दो कर्मचारियों का तबादला करने के लिए सांसद दुर्गादास उइके का फर्जी पत्र राज्य निर्वाचन आयोग को भेजने का मामला डेढ़ महीने पहले सामने आया । सांसद के संज्ञान में आने पर जब उन्होंने 30 जून को कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी से शिकायत की तो मामले की जांच पड़ताल शुरू की गई। कलेक्टर के निर्देश पर मुलताई के रिटर्निंग अधिकारी ने पुलिस को कार्रवाई के लिए पत्र लिखा, लेकिन पुलिस ने मूल दस्तावेज के साथ पांच बिंदुुओं पर जानकारी मांग ली है। इससे पूरा मामला ही उलझ गया है। सांसद द्वारा पत्र लिखे जाने के एक माह बाद भी न तो पुलिस को दस्तावेज उपलब्ध कराए जा सके हैं और न ही मामला दर्ज किया गया है। दरअसल राज्य निर्वाचन आयुक्त भोपाल को सात जून 2022 को सांसद दुर्गादास उइके के लेटरपेड पर हस्ताक्षरित पत्र दिया गया था। इसमें कहा गया है कि नगर पालिका परिषद मुलताई में पदस्थ सहायक राजस्व निरीक्षक संतोष शिवहरे और दुर्गासिंह चंदेल वर्ष 1995-1996 से राजनीतिक संरक्षण के कारण इसी कार्यालय में पदस्थ हैं। उक्त दोनों ही कर्मचारी राजनीतिक गतिविधियों में अप्रत्यक्ष तौर पर सक्रिय होकर एक पार्टी विशेष के पक्ष में कार्य करते हैं। इसके कारण हमारी पार्टी को नुकसान उठाना पड़ता है। दोनों कर्मचारी राजनीतिक संरक्षण के कारण वर्तमान नगरीय निकाय निर्वाचन 2022 की प्रक्रिया को प्रभावित कर सकते हैं। इसे देखते हुए दोनों कर्मचारियों का स्थानांतरण अन्यत्र किया जाए।

इस पत्र के आधार पर 28 जून को राज्य निर्वाचन आयोग के उप सचिव राजकुमार खत्री ने कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी बैतूल को सांसद दुर्गादास उइके एवं भाजपा जिला महामंत्री सुधाकर पवार के पत्र का हवाला देकर आवश्यक कार्यवाही करने के लिए निर्देश दिए थे। इस आधार पर दोनों का स्थानांतरण अन्यत्र कर दिया गया। स्थानांतरण होने के बाद सांसद दुर्गादास उइके ने कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी बैतूल को पत्र लिखकर कहा कि उनके कार्यालय से ऐसा कोई पत्र जारी नहीं किया गया है। इस पत्र की नियमानुसार सूक्ष्‌म जांच कराकर दोषियों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही करते हुए उनके विरूद्ध एफआईआर दर्ज कराएं।
रिर्टनिंग अधिकारी ने पुलिस को लिखा पत्रः
सांसद द्वारा फर्जी पत्र जारी करने वालों पर एफआईआर दर्ज करने के लिए कलेक्टर को लिखे पत्र के बाद मुलताई नगर पालिका के रिटर्निंग अधिकारी ने मुलताई थाना प्रभारी को एक जुलाई 2022 को पत्र लिखकर मामले की जांच करने और संबंधितों पर एफआईआर दर्ज करने के लिए कहा है। पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने की बजाय रिटर्निंग अधिकारी से पांच बिंदुओं की जानकारी मांग ली है। मुलताई थाना प्रभारी ने रिटर्निंग अधिकारी मुलताई को पत्र लिखकर कहा है कि पुलिस को निर्वाचन आयोग को लिखे गए पत्र की मूल प्रति उपलब्ध कराई जाए। राज्य निर्वाचन आयुक्त के कार्यालय में सांसद का उक्त शिकायत पत्र स्वयं उपस्थित होकर दिया गया, फैक्स द्वारा, डाक या मेल से प्राप्त हुआ है। पत्र पर सांसद के मूल हस्ताक्षर हैं या बनावटी हैं। पत्र का लेटर पेड सांसद के कार्यालय से जारी हुआ है या अन्य किसी जगह से जारी किया गया है। उक्त पत्र के आधार पर जिला निर्वाचन अधिकारी के द्वारा शिकायत जांच की मूल नस्ती भी पुलिस ने मांगी है।
सांसद दुर्गादास उइके द्वारा की गई शिकायत के आधार पर रिर्टनिंग अधिकारी ने मुलताई थाना प्रभारी को एफआईआर दर्ज करने के लिए पत्र भेजा है। इसके लिए आवश्यक दस्तावेज मांगे गए हैं। इनके मिलने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जा सकेगी।
नम्रता सोंधिया, एसडीओपी मुलताई।
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निर्वाचन आयोग से कलेक्टर को सांसद का शिकायती पत्र मिला था। उनके निर्देश पर जांच कर प्रतिवेदन दे दिया गया था। अब मूल शिकायत सांसद के कार्यालय से नहीं किए जाने का पत्र मिला है। इसलिए मुलताई थाना प्रभारी को एफआईआर दर्ज करने के लिए पत्र भेजा गया था। उनके द्वारा दस्तावेजों की मांग की जा रही है। मूल शिकायत की प्रति निर्वाचन आयोग के पास है।
राजनंदनी शर्मा, एसडीएम एवं रिटर्निंग अधिकारी मुलताई।

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