विश्व आदिवासी दिवस धूमधाम से मनाया जिला मुख्यालय ,ब्लाक मुख्यालय सहित ग्राम पंचायतों में भी रंगारंग कार्यक्रम आयोजित
By बैतूल वार्ता
विश्व आदिवासी दिवस धूमधाम से मनाया
जिला मुख्यालय ,ब्लाक मुख्यालय सहित ग्राम पंचायतों में भी रंगारंग कार्यक्रम आयोजित
जल, जंगल, जमीन के असली हकदार है आदिवासी: डागा
विधायक निलय डागा ने आदिवासी समाज की लाइब्रेरी के लिए दी 5 लाख की सौगात
बैतूल ।। समस्त आदिवासी समाज संगठन ने मंगलवार को विश्व आदिवासी दिवस धूमधाम से मनाया।बैतूल, भीमपूर ,झल्लार,दामजीपुरा,मुलताई, आठनेर,घोड़ाडोंगरी,चिचोली,शाहपुर,आमला,प्रभातपट्टन ,भैसदेही सहित जिले भर की ग्राम पंचायतों में धूमधाम से मनाया । कार्यकारी अध्यक्ष दिलीप धुर्वे ने बताया कि सर्वप्रथम जिला अस्पताल में समस्त आदिवासी समाज संगठन ने मरीजों को फलों का वितरण किया। इसके बाद रैन बसेरा सदर स्थित पड़ापेन ठाना में सल्ला गांगरा सुमरनी की गई। इसके बाद यहां से विशाल रैली निकाली गई, जो मैकेनिक चौक, दिलबहार चौक, कन्या शाला स्कूल होते हुए शिवजी चौक, कलेक्ट्रेट, लल्ली चौक होते हुए बस स्टैंड पहुंची। इस दौरान यहां सतरंगी ध्वज फहराया गया, वहीं सरदार विष्णु सिंह गोंड की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया। इसके पश्चात रैली पेट्रोल पंप, अंबेडकर चौक होते हुए सामुदायिक मंगल भवन पहुंची, जहां भव्य समारोह आयोजित किया गया। रैली में आदिवासी समाज के लोग अपनी पारंपरिक वेशभूषा, संस्कृति में नजर आए। वहीं रैली में जिला पंचायत उपाध्यक्ष हंसराज धुर्वे भी शामिल हुए।
वरिष्ठ समाजसेवी सरवन सिंह मरकाम ने बताया कि विश्व आदिवासी दिवस पर सामुदायिक मंगल भवन में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए बैतूल विधायक निलय डागा ने आदिवासी समाज की लाइब्रेरी के लिए अपनी विधायक निधि से पांच लाख रुपये देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि जल, जंगल, जमीन के असली हकदार आदिवासी हैं। कमलनाथ सरकार ने आदिवासी दिवस पर शासकीय छुट्टी घोषित की थी। इस अवसर पर जिला अध्यक्ष सुंदरलाल उइके ने कहा कि समाज संगठित होकर अपने हक अधिकार की लड़ाई लड़े।
दामजीपुरा में आयोजित कार्यक्रम में मध्य प्रदेश आदिवासी विकास परिषद के अध्यक्ष रामू टेकाम ने कहा कि सर्वधर्म समाज को आदिवासी समाज सम्मान करता है आप हम सब एक हैं। एससीएसटी और ओबीसी हम सभी इस भारत के मूल निवासी हैं। हमारा युवा वर्ग कहीं ना कहीं नशे की गिरफ्त में है उसे हमको दूर रहना चाहिए। सभी लोग अपनी संस्कृति की रक्षा करने के लिए एकत्रित होकर अपने बच्चे को अच्छी शिक्षा ग्रहण करें। गुरुजन उन्हें शिक्षा प्रदान करें।
इस दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए गए।
समारोह में लोकनृत्य की प्रस्तुति भी दी गई, जिसमें सभी का मन मोह लिया।
झल्लार में भव्य समारोह आयोजित किया गया। मप्र तकनीकी प्रभारी जयस जामवन्त सिंह कुमरे ने आदिवासी क्रन्तिकारी को याद करते हुये उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। वहीं महापुरुषों के बताए मार्ग पर चलने प्रेरित किया। इसके अलावा उन्होंने आदिवासी समाज के अधिकारों और उनकी समस्याओं के निराकरण के लिए संघर्षरत रहने का आश्वासन दिया।
आदिवासी दिवस पर मुलताई नगर में धूमधाम से आदिवासी समाज के लोगों ने रैली निकाली। आदिवासी समुदाय के लोग रंग बिरंगे परिधानों में शामिल हुए। नागपुर नाके से निकली रैली प्रमुख मार्ग से होते हुए बैतूल रोड स्थित लान पहुंची जहां सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ प्रतिभाओं को सम्मानित किया गया। बेरियर नाके से गाजे बाजे एवं डीजे के साथ निकली रैली में जहां युवक युवतियां पारंपरिक नृत्य कर रहे थे वहीं महिला पुरूष एवं बच्चे भी गोंडी गीतों पर थिरक रहे थे। विशाल रैली में झांकियां आकर्षण का केंद्र थीं