बैतूल की बारिश ने कई अपनों को छीना:इस साल की बारिश में गई 19 लोगों की जान
बैतूल।।
बैतूल में इस बार प्रदेश की सबसे ज्यादा बारिश रिकॉर्ड की गई है। लगातार हो रही बारिश ने यहां नदी नालों में उफान ला दिया है। ऐसे में लापरवाही से रपटा पार करने, गहरे पानी में नहाने जैसी घटनाओं में 19 लोग मौत का शिकार हो चुके है। जो पिछले साल से दुगना आंकड़ा है। इनमे महाराष्ट्र में बहे लोगो को भी जोड़ लिया जाए तो यह आंकड़ा 23 पर पहुंच जाता है। इस साल बाढ़ के दौरान लापरवाही बरतकर उफनती नदिया पार करने की बहुत वारदाते सामने आई। मुलताई,आठनेर और बोरदेही थाना इलाको में सबसे ज्यादा मामले देखने को मिले है।
हाल ही में मुल्ताई के पास बिछुवा के तीन लोगो की रपटे में बहने की घटना के अलावा आठनेर के ठानी इलाके में बाइक सवार का रपटा पार करते हुए बह जाने की घटना प्रमुख है। पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस साल बोरडेही थाना इलाके में 4, आठनेर इलाके में सबसे ज्यादा 9, शाहपुर में 2, चोपना, बीजादेही, भैंसदेही, बैतूल बाजार थाना इलाके में एक एक व्यक्ति की नदी में बह जाने से मौत हुई है। यह पिछले साल की तुलना में दुगना आंकड़ा है। गत वर्ष सिर्फ 9 लोग बारिश के दौरान काल कवलित हुए थे। इनमें बीजादेही में 3, भैंसदेही, साईंखेड़ा में 2-2 बोरदेही,चोपना में एक एक व्यक्ति की डूबने बहने से मौत हुई थी। आठनेर थाना इलाके में इस बार सबसे ज्यादा 9 लोग पानी में डूबकर मौत का शिकार हुए हैं। टीआई अजय सोनी ने बताया की इन मामलों में नहाते समय असावधानी से डूबने वाले 3 से 4 मामले हैं।
बाढ़ के दौरान रपटा पार करने वाले बाइक सवार का एक मामला है। इनमे माडू नदी में डूबे दो युवक भी शामिल है। जबकि मांडवी में नाला पार करने वाले व्यापारी के बहने की घटना भी है। हालाकि इस साल सबसे ज्यादा लापरवाही बाढ़ के दौरान नदी नालों को पार करने की सामने आती रही है। इनमे सरकारी तंत्र की लापरवाही भी सामने आई है।बाढ़ के समय पुल पुलिया पार न करने देने को लेकर प्रशासन ने निर्देश तो जारी किए लेकिन ऐसे खतरनाक जलश्रोतो पर लोगो को रोकने के कोई इंतजाम नहीं किए गए। बोरदेही थाना इलाके के बिछुवा में हुई तीन लोगो की मौत को ऐसे ही टाला जा सकता था।जबकि आठनेर में रपटे पर बहे बाइक सवार को भी रोका जा सकता था।लेकिन कोई रुकावट नही होने से ये चारो मौत का शिकार हो गए। संभवतः इस बारिश में बहने की घटनाओं में मौतों का आंकड़ा मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा बैतूल में ही देखने को मिला है।