मनुष्य बिना गुरु के जीवन में कभी भी आगे नहीं बढ़ सकता: गुरु अजय राखेजा, विराग कोठारी
स्थानक भवन में मनाया जा रहा पावन पर्यूषण पर्व
बैतूल। श्री वर्धमान जैन स्थानक वासी श्रावक संघ द्वारा कोठी बाजार स्तिथ स्थानक भवन में पावन पर्यूषण पर्व मनाया जा रहा है। श्रावक सतीश पारख ने बताया कि स्थानक भवन में 24 से 31 अगस्त तक नव कर मंत्र के अखंड जाप, कलश की स्थापना की गई है। यह जाप 24 घंटे चल रहा है। द्वितीय दिवस गुरुवार को गुरु की महिमा के व्याख्यान से पर्यूषण पर्व प्रारम्भ हुआ। जलगांव से पधारे अजय राखेजा व विराग कोठारी ने अंत गढ सूत्र पर कहा उसके बाद गुरु की महिमा विषय पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि मनुष्य बिना गुरु के गुर सीखे जीवन में कभी भी आगे नहीं बढ़ सकता और ना ही किसी प्रकार का ज्ञान हासिल कर सकता है। माता-पिता हमारे पालन कर्ता और संस्कारों के जनक हैं, पर हमारे गुरु हमारे जीवन के प्राध्यापक है। उनके बिना हमारा जीवन धर्म, ज्ञान से अधूरा है। हमारे माता-पिता यदि हमें शिक्षा ग्रहण करने पाठशाला नहीं भेजते या धर्म गुरु से सीखने गुरूकुल नहीं भेजते, तो हम अबूझ गंवार रहते। हमारे सोचने-समझने की शक्ति हमे बलवान, शालीनता का मार्ग, सहनशीलता की नींव हमारे गुरु डालते है।वहीं हमें डॉक्टर, इन्जीनियर, अधिवक्ता, बिजनेस या नेता बनाने का काम करते है। नहीं तो हम आज अनपढ़ नादान रह जाते। जैन संत, हिन्दू संत, पादरी या मौलवी इस धरती पर इस भारत की माटी पर अवतरित नहीं होते तो हमारे भारत का कोइ अस्तित्व नहीं होता। गुरु वशिष्ट के कारण राम ने राम-राज्य की स्थापना की और सीता की रक्षा की। गुरु के कारण ही देश में राधाकृष्णन शास्त्री, अब्दुल कलाम समान व्यक्ति देश के सर्वोच्च पद पर विराजमान हुए। शिक्षा का कोई अंत नहीं और ना ही गुरु से ज्ञान पाने की कोई सीमा, इसका साक्षात उदाहरण प्रौढ शिक्षा है।
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