नपा ने कंडम घोषित कर डिस्मेंटल के किए थे आदेश, न्यायालय ने दुकानदारों को नहीं दिया स्टे
By बैतूल वार्ता 9425002492
न्यायालय ने दुकानदारों को नहीं दिया स्टे
नपा ने कंडम घोषित कर डिस्मेंटल के किए थे आदेश
बैतूल। शहर के मध्य कोठीबाजार क्षेत्र में लल्ली चौक पर स्थित श्रीराम मंदिर प्रांगण की भूतल की दुकानें वर्ष लगभग 1940 एवं प्रथम तल की दुकानें 1991 में ट्रस्ट द्वारा निर्मित कराई गई थी,जो इतने वर्षों में जर्जर हो गईं थी। लंबे समय से इस भवन के स्लैब एवं अन्य निर्मित सामग्री नीचे गिर गर रही थी जिससे कभी भी बड़ी जनहानि हो सकती थी।
इसी को लेकर श्रीराम मंदिर, श्री शिव मंदिर, पार्वती बाई राधा कृष्ण मंदिर एवं छोटा राम मंदिर एकीकृत ट्रस्ट द्वारा नगर पालिका परिषद बैतूल एवं अनुविभागीय अधिकारी बैतूल को आवेदन कर इसे कंडम घोषित करने का 13 जनवरी 2022 को आवेदन दिया था। जिस पर कार्यवाही करते हुए नपा बैतूल ने सहायक यंत्री से बिल्डिंग का निरीक्षण करवाया। निरीक्षण उपरांत प्रतिवेदन कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग को नपा द्वारा भेजा गया। कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग द्वारा पुन: बिल्डिंग का 8 मार्च 2022 को निरीक्षण कर अपनी विस्तृत रिपोर्ट नपा को सौंपी।
नगर पालिका परिषद ने लोक निर्माण विभाग की रिपोर्ट के बाद राममंदिर प्रांगण में बनी समस्त 19 दुकानों के किराएदारों को पत्र क्रमांक लोनिशा/2022/1502 दिनांक 19 मई 2022 की तिथि का नोटिस देकर सात दिन में समस्त दुकानदारों को उक्त जर्जर दुकान/भवन को तत्काल खाली कर गिराने का आदेश दिया। अन्यथा की स्थिति में निकाय द्वारा उक्त भवन, दुकानों को गिराने की कार्यवाही की जाएगी जिसका व्यय दुकानदारों से वसूल किया जाएगा।
इस नोटिस के बाद ट्रस्ट के 19 दुकानदारों में से 9 दुकानदारों दिनेश खुराना पिता देशराज खुराना, दिनेश चंद्र पिता स्व. श्रीराम अग्रवाल, महेश पिता स्व. श्रीराम अग्रवाल, दीपक पिता स्व. श्रीराम अग्रवाल, नंदलाल पिता कुंजीलाल खेडले, शारदाप्रसाद पिता रघुनंदन तिवारी, रामदास पिता कुंजीलाल जाधम, राजेंद्र पिता मारोती कुंंभारे एवं दीपक पिता राजेंद्र प्रसाद सोनी ने न्यायालय की शरण ली थी। जिनमें इन दुकानदारों नगर पालिका परिषद के नोटिस पर कोई कार्यवाही ना किए जाने के लिए स्टे चाहा था।
प्रकरण में प्रतिवादीगणों श्रीराम मंदिर ट्रस्ट की ओर प्रकरण में अधिवक्ता गिरीश गर्ग एवं नगर पालिका परिषद की ओर से अधिवक्ता जयदीप रूनवाल ने पैरवी की। वहीं वादी दुकानदारों की ओर से अधिवक्ता हरीशंकर खण्डेलवाल थे।
अधिवक्ताद्वय गिरीश गर्ग एवम जयदीप रूनवाल ने बताया कि उक्त प्रकरण क्रमांक 120 ए/2022 में प्रथम व्यवहार न्यायाधीश वर्ग 2 बैतूल ने स्टे आवेदन पर 18 अगस्त 2022 को आदेश करते हुए इन दुकानदारों का आवेदन आईएनए01/22 अंतर्गत आदेश 39 नियम -1व 2 सीपीसी अस्वीकार कर खारिज कर दिया। आदेश में विचारणीय बिंदु क्रमांक 1 के संबंध में न्यायालय ने फैसले में कहा कि नगर पालिका द्वारा वादीगण को जारी सूचना पत्र नपा के अधिकार के प्रयोग में दिया जाना प्रथम दृष्टया दर्शित है।
इसी तरह से विचारणीय बिंदू क्रमांक 2 में स्पष्ट किया कि यदि स्टे उपरांत संपत्ति गिर जाती है तो निश्चित ही जनहानि की संभावना है। ऐसी क्षति की पूर्ति ना तो परिव्यय अधिरोपित कर की जा सकती है, और ना ही इसे मापने के कोई निश्चित मानक है।
इसके अलावा विचारणीय बिंदू क्रमांक 3 के संबंध में न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि सुविधा का संतुलन भी स्टे जारी किए जाने के पक्ष में नहीं है। अत: उपरोक्त विवेचना के आदेश पर वादीगण(दुकानदारों) प्रस्तुत आवेदन अस्वीकार कर खारिज किया जाता है।
गौरतलब है कि दुकानदारों ने इस मामले में श्रीराम मंदिर, शिवमंदिर, पार्वती बाई राधाकृष्ण, छोटा राममंदिर एकीकृत ट्रस्ट बैतूल के अध्यक्ष, ट्रस्ट एवं मुख्य नगर पालिका अधिकारी नपा बैतूल को प्रतिवादी बनाया था।
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