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अच्छे दिन हों या बुरे, किसी को यूज एंड थ्रो नहीं करना चाहिए

By वामन पोटे Betul Varta

अच्छे दिन हों या बुरे, किसी को यूज एंड थ्रो नहीं करना चाहिए; नितिन गडकरी ने किस ओर किया इशारा

भाजपा नेता ने कहा,

नागपुर।

Sun, 28 Aug 2022

केंद्रीय सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने शनिवार को अपने गृह नगर नागपुर में उद्यमियों की एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि जब कोई व्यक्ति पराजित होता है तो खत्म नहीं होता लेकिन जब वह हार मान लेता है तो खत्म हो जाता है। गडकरी यहां उद्यमियों की एक बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने यह भी कहा कि जो कोई भी व्यवसाय, सामाजिक कार्य या राजनीति में है, उसके लिए मानवीय संबंध सबसे बड़ी ताकत है।

हाल में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के संसदीय बोर्ड से हटाए जाने को लेकर चर्चा में रहे गडकरी ने कहा, ”इसलिए, किसी को भी ‘इस्तेमाल करो फेको’ की दौर में नहीं शामिल होना चाहिए। अच्छे दिन हों या बुरे दिन, जब एक बार किसी का हाथ थाम लें, उसे थामें रहें। उगते सूरज की पूजा न करें।”

कांग्रेस नेता ने गडकरी को दिया था ऑफर
गडकरी ने एक छात्र नेता के रूप में अपने दिनों को याद किया जब कांग्रेस नेता श्रीकांत जिचकर ने उन्हें बेहतर भविष्य के लिए कांग्रेस में शामिल होने के लिए कहा था। गडकरी ने कहा, “मैंने श्रीकांत से कहा कि मैं कुएं में कूदकर मर जाऊंगा लेकिन कांग्रेस में शामिल नहीं होऊंगा, क्योंकि मुझे आपकी पार्टी की विचारधारा पसंद नहीं है।”
गडकरी ने कहा कि युवा उद्यमियों को पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन की आत्मकथा का वाक्य याद रखना चाहिए कि हारने पर आदमी का अंत नहीं होता है, लेकिन जब वह हार मान लेता है तो वह खत्म हो जाता है।
किसानों को कृषि में विविधता लानी चाहिए : गडकरी
इससे पहले गडकरी ने शनिवार को ही मुंबई में किसानों को चीनी उत्पादन कम करने तथा ऊर्जा और बिजली क्षेत्रों की ओर कृषि में विविधता लाने का सुझाव दिया। गडकरी ने यहां नेशनल कोजेनरेशन अवार्ड्स कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ”जहां हमारी 65-70 फीसदी आबादी कृषि पर नर्भिर है, वहीं हमारी कृषि विकास दर 12-13 फीसदी ही है। गन्ना उद्योग और किसान हमारे उद्योग के लिए विकास का इंजन हैं।” उन्होंने कहा कि अगला कदम चीनी से राजस्व बढ़ाने के लिए सह-उत्पादन होना चाहिए। उद्योग को कम चीनी का उत्पादन करना चाहिए और उससे संबंधित उत्पादों का उत्पादन अधिक करना चाहिए, भवष्यि की प्रौद्योगिकियों को ध्यान में रखते हुए इसे अपनाना चाहिए और ज्ञान को धन में बदलने के लिए नेतृत्व की शक्ति का उपयोग करना चाहिए।

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