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सेल्फी लेने में डूबीं श्वेता-सुलेखा, बचाने के प्रयास में 5 लोग डूब गए, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घटना को लेकर दुख जताया है

By बैतूल वार्ता 9425002492

छत्तीसगढ़ वाटरफॉल हादसे की कहानी, चश्मदीद की जुबानी:सेल्फी लेने में डूबीं श्वेता-सुलेखा, बचाने के प्रयास में 5 लोग डूब गए; रत्नेश को आज नौकरी जॉइन करनी थी

सिंगरौली

VIDEO बनाने वाली सुलेखा और गाड़ी में बैठी दो लड़कियां सुरक्षित हैं। बाकी तीनों की वाटरफॉल में डूबने से मौत हो गई।

छत्तीसगढ़ के रमदहा वाटरफॉल में डूबने वाले मंदसौर के 6 लोगों का आखिरी वीडियो सामने आया है। इसमें सभी खुशी-खुशी गाड़ी से पिकनिक पर जाते दिख रहे हैं। VIDEO सुलेखा बना रही है, हादसे में उसकी जान बच गई है। गाड़ी सुलेखा के पति ऋषभ चला रहे थे। ऋषभ समेत 2 लड़कियों की मौत हो गई है। इस हादसे में 3 परिवारों की खुशियां छिन गईं। घटना के बाद गांव में मातम पसरा है। हादसे के चश्मदीद दिवेश प्रताप सिंह से जानिए 7 लोग देखते ही देखते कैसे डूब गए…

‘रविवार को हमारा प्लान बना कि बाहर पिकनिक मनाने चलते हैं। तय किया कि जिले के माड़ा स्थित वाटरफॉल चलते हैं। यह ज्यादा दूर भी नहीं है और अच्छा भी है। दोपहर करीब 11 बजे हम 14 लोग दो गाड़ियों से माड़ा रवाना हुए। प्लान था कि माड़ा में कुछ देर नहाएंगे, पानी में मस्ती करेंगे। शाम तक घर लौट आएंगे। रास्ते में अचानक प्लान बदल गया। हम छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले का रमदहा वाटरफॉल देखने चल दिए। करीब साढ़े 12 बजे वहां पहुंच गए। झरना बेहद सुंदर है। दोपहर करीब 1 बजे उसे देखने के बाद श्वेता और सुलेखा झरने में सेल्फी लेने व नहाने उतर गईं। वे गहरे पानी में डूबने लगीं। उन्हें बचाने के लिए अभय, ऋषभ और रत्नेश पानी में उतर गए। श्वेता और सुलेखा को बचाने के प्रयास में वे भी डूबने लगे तो हिमांशु, श्रद्धा, हरीश समेत अन्य लोग पानी में उतरे… जो लोग बचाने गए थे, वे भी डूबने लगे।

इनमें से किसी तरह सुलेखा और हरीश को बाहर निकाल पाए। बाकी साथी डूब गए। कुछ देर बाद वे पानी में समा गए। सुलेखा बेहद घबराई हुई थी। हरीश अचेत अवस्था में था। हरीश के सीने और पेट को दबाया। उसके शरीर को काफी देर तक रगड़ा, तब जाकर हलचल हुई। कुछ देर प्रयास करने के बाद रत्नेश को निकाल लिया। उसकी बॉडी को काफी पंप किया, लेकिन हलचल नहीं हुई। वहां मोबाइल का नेटवर्क भी नहीं था, जिससे किसी को जानकारी दी जा सके। कुछ दूर जाकर कई बार प्रयास के बाद कॉल कनेक्ट हुआ। इसके बाद हमने पुलिस को जानकारी दी।

करीब एक घंटे बाद मौके पर पुलिसकर्मी, NDRF और SDERF की टीम पहुंची। उन्होंने रेस्क्यू ऑपरेशन किया। इसके बाद टीम ने एक-एक कर लोगों को निकालना शुरू किया। टीम ने 2 और लोगों के शव रविवार शाम तक बरामद कर लिए थे। रात होने के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन बंद कर दिया था। सोमवार सुबह 3 और लोगों को शव बरामद किए गए। हादसे में हिमांशु, रत्नेश, श्रद्धा, ऋषभ, श्वेता और अभय की जान चली गई। रत्नेश को आज 30 अगस्त को इंदौर में नौकरी जॉइन करनी थी। सुलेखा की 6 महीने पहले ही शादी हुई थी।’

सिंगरौली में दो भाई और उनके बहनोई का एक साथ अंतिम संस्कार किया गया।

हादसे में इनकी गई जान

हिमांशु पिता कमलेश सिंह (18) निगाही, सिंगरौली

रत्नेश सिंह पिता योगेंद्र सिंह (26) निवासी साकिन जयंत, सिंगरौली

श्रद्धा पिता कमलेश सिंह (14) निवासी निगाही, सिंगरौली

ऋषभ पिता अनिल सिंह (24) निवासी साकिन माजनमोड, सिंगरौली

श्वेता पिता कमलेश सिंह (22) निवासी निगाही, सिंगरौली

अभय सिंह पिता योगेंद्र सिंह (22) निवासी जयंत, सिंगरौली।

दो दिन बाद नौकरी जॉइन करने वाला था रत्नेश

घरौली के रहने वाले योगेंद्र सिंह के परिवार में खुशियां मातम में बदल गईं। हादसे में योगेंद्र सिंह ने दो बेटे, दामाद और 3 भांजे-भांजी को हमेशा के लिए खो दिया। योगेंद्र सिंह के बड़े बेटे रत्नेश सिंह ने इंदौर से MBA की पढ़ाई की थी। रत्नेश 30 अगस्त को एक मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी जॉइन करने वाला था। योगेंद्र सिंह का छोटा बेटा अभय सिंह सतना से माइनिंग की पढ़ाई पूरी कर एमटेक के लिए भोपाल में दाखिला लेने वाला था। घर में अब उनकी पत्नी और बेटी सुलेखा है। सुलेखा ने हादसे में दोनों भाई रत्नेश-अभय और पति ऋषभ को खो दिया है।

सुलेखा सिंह की 6 महीने पहले हुई थी शादी

सुलेखा की 6 महीने पहले ऋषभ सिंह निवासी माजन से शादी हुई थी। ऋषभ अपने पिता की सीमेंट, सरिया की दुकान संभालते थे। हादसे के समय ऋषभ सुलेखा को बचाने के लिए पानी में उतरे थे। अब सुलेखा की आखों में सिर्फ आंसू हैं। रोती बिलखती सुलेखा के आंसू ही उसका दर्द बयां कर रहे हैं।

कमलेश सिंह ने खो दिए तीनों बच्चे

इस हादसे में निगाही के रहने वाले कमलेश सिंह ने अपने तीनों बच्चों को खो दिया। उनकी दो बेटी और एक बेटे की डूबने से मौत हो गई। उनका 18 वर्षीय बेटा हिमांशु DPS स्कूल निगाही में पढ़ता था। मोहल्ले के लोगों ने बताया कि हिमांशु पढ़ने में बहुत तेज था। इस हृदयविदारक घटना से कमलेश सिंह भी सदमे में हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घटना को लेकर दुख जताया है और मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख रुपए मुआवजे का ऐलान किया है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी हादसे पर गहरा दुख जताया था।

प्रशासन ने डेंजर जोन घोषित किया है

प्रशासन के अनुसार रमदहा जलप्रपात के नजदीक जाने की मनाही है। ये भी बताया गया है कि यहां नहाने को लेकर चेतावनी बोर्ड भी लगाया है। प्रशासन ने उसे डेंजर जोन घोषित कर रखा है। इसके बावजूद लोग जान जोखिम में डालकर यहां नहाने जाते हैं।

पहले भी हो चुका है हादसा

पांच महीने पहले भी इसी जलप्रपात में हादसा हुआ था। उस दौरान 3 युवकों की डूबने से मौत हुई थी। वह युवक भी मध्यप्रदेश के उमरिया जिले से यहां पिकनिक मनाने आए थे। नहाने के दौरान ही ये हादसा हुआ था।

(साभार दैनिक भास्कर )

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