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जंगल पर कब्जा:नाराज आदिवासियों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर लगाई गुहार, बोले- भूमि मुक्त कराए प्रशासन

By Betul Varta 9425002492

जंगल पर कब्जा:नाराज आदिवासियों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर लगाई गुहार, बोले- भूमि मुक्त कराए प्रशासन

बैतूल।।

बैतूल में छिंदवाड़ा के जंगल के रास्ते आकर वन भूमि पर कब्जा कर रहे लोगो के खिलाफ सैकड़ों आदिवासियों ने उन्हें हटाने की गुहार लगाई है। बैतूल कलेक्ट्रेट पहुंचे आदिवासियों का आरोप है की बाहरी तत्व जंगल की निस्तारी और वन भूमि पर काबिज होकर स्थानीय आदिवासियों के लिए समस्या पैदा कर रहे है।

सैकड़ो आदिवासी महिला, पुरुषों के साथ बैतूल पहुंचे। जहां ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम पंचायत डेहरी आमदाना व शक्तिगढ़ के वन भूमि पर अन्य बाहरी लोगों के द्वारा अवैध कब्जा किया जा रहा है। यह वन भूमि आमडोह नदी पहाड़ से डगडगा नदी पर मिलती है।यह इलाका गांधीग्राम मोक्ष धाम व नीलगढ़ से आमडोह पहाड़ पर जुड़ा है। जिसमें वन भूमि कारपोरेशन कंपार्टमेंट 324 और कुछ क्षेत्र पुनर्वास का परिक्षेत्र है। जिसमें नीलगढ़ बस्ती बसा ली गई है। जिसमें छिंदवाड़ा जिले के बाहरी लोग शामिल है।
उक्त जमीनों पर ग्रामीणों का निस्तार होता रहा है। ग्रामीणों ने बताया की हमारे बुजुर्गों ने विगत 20 सालों से इस परिक्षेत्र का रखरखाव किया था। इसलिए इस वन भूमि पर ग्रामीणों का अधिकार होना चाहिए । ग्रामीण महेश सीलू ने बताया की छिंदवाड़ा जिले से जंगल के रास्ते आने वाले बाहरी तत्वों ने नीलगढ़ में 40 से 50 झोपड़ियों बना ली है। वे आसपास का जंगल साफ कर वहां खेती भी शुरू कर चुके है। इसका सिलसिला बीते कई सालों से चल रहा है। जिस पर न तो वन विभाग ध्यान दे रहा है और न ही वन विकास निगम के अफसर इस ओर ध्यान दे रहे है।​​​​​​

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