चंबल में उगता है ताकतवर ककोड़ा, बारिश में बिना खेती ही कमाई का बना जरिया
चंबल अंचल के तीन जिलों से ढाई हजार से ज्यादा लोग कर लेते हैं ककोड़े से कमाई
मुरैना। बारिश के मौसम में चंबल अंचल में उगने वाला ककोड़ा बिना खेती के ही हजारों लोगों की कमाई का बड़ा जरिया है। बीहड़ों में उगने वाली 100 फीसद जैविक सब्जी की खेती कोई किसान नहीं करता, इसके बावजूद कई दशकों से यह सब्जी चंबल अचंल के तीन जिलों के हजारों गरीब परिवारों, सैकड़ों सब्जी विक्रेताओं के लिए कमाई का साधन बनी हुई है। औषधि गुणों और पौष्टिक तत्वों से भरा ककोड़ा सेहत के लिए फायदेमंद होने के कारण ढाई से तीन माह में इनकी मांग अधिक रहती है।
मुरैना के अलावा भिंड और श्योपुर के जंगली क्षेत्र और बीहड़ किनारों की झाड़ियों व घासफूंस के बीच ककोड़ा भरपूर मात्रा में होता है। इसकी मांग ग्वालियर से लेकर आगरा, दिल्ली, जयपुर, इंदौर व अन्य कई महानगरों में है। अंचल में यह सब्जी 100 से 200 रुपये किलो तो महानगरों में 300 से 400 रुपये किलों के भाव बिकती है।
बारिश के सीजन में जब रोजगार के कई रास्ते बंद होते हैं, तब ककोड़ा की सब्जी अंचल के ढाई हजार से ज्यादा परिवारों की आमदनी का इकलौता जरिया है। एक अनुमान के हिसाब से चंबल अंचल में हर साल 400 से 425 टन ककोड़ा की पैदावार होती है। शून्य खर्च में होने वाली इस सब्जी को बाजार में खपाने के लिए सब्जी मंडियों के आड़तिए, थोक व खेरीज दुकानदार और इन्हें जंगल से तोड़ने वाले गरीब व आदिवासी परिवार तीन से साढ़े तीन करोड़ रुपये कमाते हैं।
इस साल बंपर पैदावार:
अगस्त के अंत तक बाजार से गायब हो जाने वाला ककोड़ा इस साल न सिर्फ भरपूर बल्कि सस्ते दामों में भी मिल रहा है। बागवानी विशेषज्ञ एसके शर्मा बताते हैं कि ककोड़ा की बेलें सूखकर जमीन में रह जाती हैं, यह जड़ें बारिश होते ही फिर से हरियाने लगती हैं। अंचल में मई की शुुरुआत में ही अच्छी बारिश हुई, जिसके कारण ककोड़ा की पैदावार जल्दी और पहले से ज्यादा मात्रा में हो रही है।
कई बीमारियों में फायदेमंद: मुरैना आंचलिक कृषि अनुसंधान केंद्र के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डा. संदीप सिंह तोमर बताते हैं कि बारिश के सीजन में आने वाली हर सब्जी में कीटनाशक उपयोग होता है, लेकिन ककोड़ा पूरी तरह जैविक होता है। इसमें प्रचुर मात्रा में प्रोटीन व आयरन होता है, इसीलिए यह सेहत के लिए मीट से कई गुना ताकतवर है। 100 ग्राम ककोड़ा की सब्जी से 17 कैलोरी ऊर्जा शरीर को मिलती है, जो वजन कम करने , डायबिटीज और ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए फायदेमंद है। शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है।