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मानवता को शर्मसार करने वाली तस्वीरें सामने आई हैं ग्रामीणों ने बीच सड़क पर ही जला दी चिता

By बैतूल वार्ता

मानवता को शर्मसार करने वाली तस्वीरें सामने आई हैं
ग्रामीणों ने बीच सड़क पर ही जला दी चिता
खेतों में भरा था पानी, लकड़ी जमाना भी नहीं था संभव, मजबूरी में बीच सड़क पर कर दिया महिला का अंतिम संस्कार

Jul 25, 2022

भिंड।।. भिंड के अजनौल गांव  से मानवता को शर्मसार करने वाली तस्वीरें सामने आई हैं। यहां एक वृद्ध महिला के मरने के बाद अंतिम संस्कार  के लिए मुक्तिधाम  तक नसीब नही हुआ,जिसके चलते परिजनों को बीच सड़क पर उसका अंतिम संस्कार करना पड़ा। बताया जा रहा है कि आज तक गांव में मृतकों को जलाने के लिए शांतिधाम ही नहीं बनाया गया है। 
गांव में सालों से  है शांतिधाम की दरकार
मध्यप्रदेश सरकार ग्रामीण इलाकों को विकसित कराने के लिए हर साल करोड़ों रुपए खर्च करती है। मनरेगा जैसी योजनाएं गांव  के विकास और ग्रामीणों की सुविधाएं उपलब्ध कराने का काम करती है लेकिन भिंड के मेहगांव विधानसभा क्षेत्र का ग्राम अजनौल आज भी मूलभूत जरूरतों के लिए जद्दोजहद कर रहा है। गांव में सालों से शांतिधाम की दरकार है, इसके बाद भी किसी जिम्मेदार ने आज तक मुक्तिधाम बनवाने की कोशिश  नहीं की। इस वजह से स्थानीय लोग मृतकों का अंतिम संस्कार अपने खेतों पर करते हैं। बरसात में जब खेतों तक जाने के लिए रास्ता नहीं होता है तो ये लोग मृतकों का अंतिम संस्कार बीच सड़कों पर करते है। 
किसी ने नहीं की सुनवाई

ग्रामीणों ने बताया कि कई बार इस संबंध में गांव के सरपंच ने जनपद में मौजूद अधिकारियों से गुहार लगाई है,लेकिन किसी से सुनवाई नहीं की।  जब किसी के परिजन की मृत्यु हो जाती है तो उसका अंतिम संस्कार वो खेतों पर कर लेते हैं। बारिश के मौसम में परिस्थितियां ऐसा भी नही करने देती। 
पहले भी आया था ऐसा मामला 
शनिवार को भी अजनाला गांव के निवासी हरभजन सिंह की मां बिटोली बाई का निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार भी प्रदेशभर में हो रही बारिश की वजह खेतों में पानी भर जाने से वहां पर अंतिम क्रिया नहीं किया जा सका। इस वजह से गुस्साए और परेशान ग्रामीणों ने अजनौल के आम रास्ते पर सड़क पर ही अंतिम संस्कार कर दिया। अब ग्रामीणों ने एक बार फिर मांग की है। इस बार वो उम्मीद लगाए बैठे है कि कोई उनकी सुनवाई कर ले और गांव में एक मुक्तिधाम बनवा दे। बताया जा रहै है कि हरभजन सिंह को अपनी वृद्ध मां की मौत का इतना दुख नहीं है जितना दुख उसे गांव में मुक्तिधाम न होने की वजह से है। 
कांग्रेस जिला अध्यक्ष करेंगे प्रयास
वहीं इस मामले में कांग्रेस जिला अध्यक्ष मान सिंह कुशवाहा का कहना है कि अजनौल में सिस्टम की खामियों की वजह से शर्मसार कर देने वाली स्थिति से ग्रामीणों को गुजारना पड़ा है। आज भी लोग इन परिस्थियों में जी रहे हैं जब सरकार और बीजेपी प्रदेश के अंतिम छोर के व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंचाने के दावे करती हैं। ऐसी तस्वीरे उनकी पोल खोलती हैं,जहां मूलभूत सुविधाओं के लिए भी लोग तरस रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि वो इस संबंध में जिम्मेदार अफसरों से मिलकर निराकरण कराने का प्रयास करेंगे। 
ग्रामीण अब भी लगा रहे गांव में मुक्तिधाम बनवाने की आस 
भले ही सरकार विकास के लिए अपनी योजनाओं को अंतिमछोर के व्यक्ति तक पहुंचाने का दावा करती है लेकिन अजनौल में आम रास्ते पर हुए ग्रामीण मृतक के अंतिम संस्कार की तस्वीरें उन दावों की हकीकत बयां कर रही हैं। गांव वाले अब भी आस लगाए हैं, और गुहार लगा रहे हैं की उनके गांव में अब तो कोई मुक्तिधाम बनवा दे,जिससे कम से कम मारने वाले को तो ठीक से विदा किया जा सके। बता दें यह गांव में हाल तब है जब मेहगांव विधानसभा से विधायक ओपीएस भदौरिया मध्य प्रदेश सरकार में आवास एवं पर्यावरण मंत्री है। उन्हीं की विधानसभा के अंतर्गत ग्राम अजनोल आता है,बाई इलेक्शन 2020 में अजनोल गांव के लोगों ने एक तरफा बीजेपी प्रत्याशी और वर्तमान मंत्री ओपीएस भदौरिया के लिए 90% मतदान किया था।

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